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Showing posts from April, 2018

Electrical Switchboard Connection Wiring In Hindi

Dc Motor क्या है? और Fleming's Left Hand Rule

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How to A DC Motor Works? Dc motor A motor is an  electric machine   whi ch converts electrical energy into mechanical energy. Dc motor fleming के Left hand's rule पर work करती है Fleming's lefthand rule & Dc Motor यदि हम अपने left hand की first finger और second finger तथा thumb या अंघूठे को इस प्रकार सीधा करें की तीनो एक दुसरे के perpendicular हो Image में देखें-                                   fleming's left hand rule  दूसरी image भ देख सकते है जिसमे तीनो F=force और B=magnetic field यानि की चुम्बकीय फील्ड और I=current या धारा  की दिशा बता रही है    fleming's left hand rule  जिसमे thumb force की direction या force की दिशा बता रहा और first finger magnetic field की direction बता रहा है और second finger current या धारा की direction बताती है  Fleming Left Hand Rule से य दि इन तीनों को में से किन्ही भी दो को एक दुस...

ट्रांजिस्टर Transistor

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Transistor  ट्रांजिस्टर का नाम आपने बहुत सुना होगा ट्रांजिस्टर के आने से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति ला दी।  ट्रांजिस्टर एक बहुत ही  साधारण सा दिखाई देने वाला कॉम्पोनेन्ट होता है लेकिन इसके काम बहुत बड़े है।  अगर ट्रांजिस्टर नहीं होते तो शायद आज कंप्यूटर की स्पीड इतनी नहीं होती जितनी अब है।  ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल सर्किट में बहुत से कार्यो  को करने के लिए किया जाता  लेकिन इसका सबसे ज्यादा उपयोग एम्प्लीफिकेशन के लिए होता है।  कहने का मतलब किसी भी सिग्नल की शक्ति को बढ़ाने के लिए होता है।  Transistor ट्रांजिस्टर सेमीकंडक्टर पदार्थो से बनाया जाता है।  सिलिकॉन और जेर्मेनियम। ट्रांजिस्टर के तीन सिरे होते है।  जिनको  बेस, कलेक्टर और एमीटर कहते है।  ट्रांजिस्टर के कई प्रकार होते है और सबका काम अलग अलग होता है।  Transistor संरचना के अनुसार ट्रांजिस्टर दो  टाइप के होते है  Transistor npn टाइप ट्रांजिस्टर →   इस प्रकार के ट्रांजिस्टर में P टाइप क्रिस्टल के दोनों...

रजिस्टेंस का संयोजन – series-parallel combination circuit

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रजिस्टेंस का संयोजन (series-parallel combination circuit):  इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के अंदर रेजिस्टेंस का इस्तेमाल बहुतायात रूप से होता है।  resistance  का इस्तेमाल करंट को कम करने के लिए किया जाता है। सर्किट के अंदर रेजिस्टेंस की वैल्यू को इच्छा अनुसार प्राप्त करने के लिए रजिस्टेंस को तीन प्रकार से जोड़ा जाता है। resistance की इस क्रिया को  रेजिस्टेंस का संयोजन  कहते हैं यानी रजिस्टेंस को जोड़ना कहते हैं। यह तीन प्रकार से किया जाता है। series and parallel combination of resistors series and parallel combination of resistors रजिस्टेंस को जोड़ने की जरूरत क्यों पड़ती है। Series Combination सीरीज संयोजन रेजिस्टेंस सूत्र : RT = R1 +R2+R3+R4………. Series सर्किट में बहने वाले करंट की वैल्यू कैसे निकाले। ओम का नियम (Ohm’s Law)- I=VT/RT सीरीज सर्किट में वोल्टेज की स्थिति क्या होगी ? पहला सीरीज संयोजन (Series Combination) दूसरा पेरेलल संयोजन (Parallel Combination) तीसरा सीरीज पेरेलल संयोजन (Series Parallel Combination) रजिस्टेंस को जोड़ने की जरूरत...

बिजली के उपकरण |Electronic Components

Electronic Components             बिजली के उपकरण                                Tools Switch Breadboard Resistor Digital Multimeter Capacitor Battery Holders Diode Test Leads (Alligator Clips) Light-Emitting Diode (LED) Wire Cutter Transistor Precision Screwdriver Set Relay Helping 3rd Hand Semiconductor  Integrated Circuit (IC) Heat Gun Coil  What Is A Circuit? Jumper Wire Transformer  Schematic Diagram Soldering Iron

ट्रांसफार्मर के लाभ (Benefit Of Transformer)

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ट्रांसफॉमर के लाभ तो बहुत है।  यह एक ऐसा कॉम्पोनेन्ट है जिसका इस्तेमाल लगभग हर क्षेत्र में होता है।  यहाँ आपको ट्रांसफार्मर के कुछ फायदों को बारे में बताया जा रहा है. Transformer ट्रांसफार्मर के लाभ  Benefit Of Transformer  जैसा की सभी जानते है ही की ट्रांसफॉमर को करंट को कम करने या बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।  इसके द्वारा सिग्नल,  वोल्टेज  या  करंट  को बहुत कम लागत से आसानी से घटाया और बढ़ाया जा सकता है।   इसमें एक तरफ की ऊर्जा को दूसरी तरफ बिना किसी फिजिकल रिलेशन से भेजा जा सकता है।  इस लिए इसकी प्राइमरी वाइंडिंग सेकेंडरी वाइंडिंग से बिलकुल अलग होती है।   ट्रांसफार्मर  में किसी भी प्रकार से चलने पर को गति नहीं होती है।  इस लिए इसके मैन्टेन्स की कोई जरुरत नहीं पड़ती है।   इसमें कोई गति नहीं होने के कारन इसमें कोई शोर नहीं होता है।   इसके द्वारा हाई वोल्टेज या सिग्नल को कम या ज्यादा बहुत ही आसानी से किया जा सकता है।   इसमें ऊर्जा की बरबादी  न के बराबर होती है। 

ट्रांसफार्मर को मल्टीमीटर से चैक करना How To Check Transistor Using Multimeter

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किसी भी तरह के ट्रांसफार्मर को मॉल्टीमीटर से आसानी से चेक किया जा सकता।  जैसा की हम जानते की ट्रांसफार्मर को  इंसुलेटेड तार और किसी भी प्रकार के कोर के द्वारा बनाया जाता है।  अगर इसमें तार का इसुलेशन ख़राब हो जाए तो वह शार्ट हो जाता है।  Analog Multimeter ट्रांसफार्मर को मल्टीमीटर से चैक करना।  ट्रांसफार्मर के ख़राब होने के कारण।  क्षमता से ज्यादा विधुत धारा आने पर।  ज्यादा लोड देने पर।  अधिक गरम होने के कारण वायर पर लगा इसुलेशन क्षति ग्रस्त होने पर।  किसी भी स्टेप-डाउन टार्न्सफ़ॉर्मर में प्राइमरी और सेकेंडरी वाइंडिंग की पहचान कैसे करे।  मल्टीमीटर से ट्रांसफार्मर की दोनों वाइंडिंग पर रेजिस्टेंस को चैक करे।  जिस तरफ की वाइंडिंग पर ज्यादा रेजिस्टेंस दिखाए वह स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर की प्राइमरी वाइंडिंग है।  और जिस तरफ कम रेजिस्टेंस दर्शाये वह ट्रांसफॉमर की सेकंडरी वाइंडिंग है।   एनालॉग मल्टीमीटर से ट्रांसफॉमर को कैसे जाँचे।   इसके लिए  एनालॉग  मल्टीम...